इटावा: विश्व सिनेमा को मुगले आजम जैसी ऐतिहासिक फिल्म देने वाले महान फिल्म निर्देशक के.आसिफ की स्मृति में शनिवार को ‘के.आसिफ चंबल इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल’ के 6वें संस्करण का भव्य उद्घाटन हुआ। देश और दुनिया की तमाम प्रशंसित फिल्मों के प्रदर्शन के साथ ही पहले दिन कई रंगारंग सांस्कॉतिक कार्यक्रम भी हुए।

इटावा के पंचायती राज राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय सभागार में फिल्म फेस्टिवल का उद्धाटन नगरपालिका परिषद इटावा अध्यक्ष नौशाबा फुरकान, चंबल संभाग के पुरात्व अधिकारी डॉ. अशोक शर्मा, छायाकार सुनील दत्ता, सिनेमेटोग्राफर शारिक हैदर नकवी, फिल्म निर्देशक उमेश गोन्हजे और प्रो.मोहन दास ने दीप प्रज्वलित करके किया। इस दौरान पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष फुरकान अहमद और इटावा प्रेस क्लब अध्यक्ष दिनेश शाक्य भी मौजूद रहे।

उद्धाटन समारोह की अध्यक्षता पंचायती राज राजकीय महिला पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. श्यामपाल सिंह और संचालन असिस्टैंट प्रोफेसर डॉ. रमाकांत राय ने किया।

इस दौरान इस फिल्म फेस्टिवल की आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. शाह आलम राना ने कहा कि पिछले 6 वर्षों से इंटरनेशनल चंबल फिल्म फेस्टिवल देश और विदेश ही प्रशंसित फिल्मों और सिनेमा प्रेमियों के बीच सेतु का काम कर रहा है। इस बार फिल्म फेस्टिवल की थीम ‘सिनेमा और पर्यटन’ रखा गया है। इसका मकसद चंबल क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना है।

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उद्घाटन समारोह में चंबल संभाग के पुरात्व अधिकारी डॉ. अशोक शर्मा ने कहा कि सिनेमा में ज्यादातर चंबल को गलत तरीके से ही दिखाया है लेकिन अब वक्त है कि यहां के उज्जवल पक्ष को दिखाया जाए। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र में बहुत से खूबसूरत स्थल हैं और वह सिनेमा के जरिए देश और दुनिया के सामने लाए जाने चाहिए।

फिल्मकार उमेश गोंजले ने कहा चंबल क्षेत्र के लोग यहां की खूबसूरत लोकेशन की छोटी-छोटी वीडियो क्लिप सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर डाल कर भी यहां के बारे में दुनिया को बता सकते हैं।

छायाकार सुनील दत्ता ने कहा कि ब्रिटिश राज में चंबल के बागियों को डाकू कहा गया और तभी से यहां की गलत छवि पेश की जाने लगी। उनका कहना था कि चंबल घाटी बेहद खूबसूरत है और इसे एक आर्टिस्टिक, दार्शनिक नजरिए से देखेंगे तो यहां को मनोरम स्थलों की खूबसूरती को और भी बेहतर तरीके से पेश कर पाएंगे।

फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी के सदस्य प्रो.मोहन दास ने कहा कि फिल्में समाज का आईना कही जाती हैं और अब यहां के पर्यटन स्थलों का भी आईना बनें। सिनेमेटोग्राफर शारिक हैदर नकवी ने फिल्मकार के. आसिफ और उनकी ऐतिहासिक फिल्म मुगले आजम की बात करते हुए कहा कि यह आसिफ साहब का जुनून ही था जो उस जमाने में इतनी शानदार फिल्म बना पाए।

फिल्म फेस्टिवल के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे पंचायती राज महिला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. श्यामपाल सिंह ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य  में कहा कि के.आसिफ में गजब का धैर्य और जुनून था जिसकी वजह से वह मुगले आजम जैसी फिल्म बना पाए। उनके जैसा कोई और ना हुआ ना ही कोई संभावना दिखती है क्योंकि बॉलीवुड की कई फिल्मों के रीमेक तो बन गए लेकिन मुगले आजम को दोबारा बनाने की हिम्मत कोई नहीं कर सका। मुगले आजम बनाने के लिए फिर से के.आसिफ को ही आना होगा। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र में पचनदा, लॉयन सफारी जैसे कई आकर्षण हैं जहां फिल्मों के लिए शानदार लोकेशन मिल सकते हैं।

उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए डॉक्टर रमाकांत राय ने कहा कि के.आसिफ ने फिल्म मुगले आजम में किरदारों को जिस भव्यता के साथ गढ़ा वह अपनेआप में मिसाल है। इस फिल्म में कई ऐसे किरदार हैं जो काल्पनिक हैं लेकिन इसस फिल्म को देखने के बाद लोगों ने अनारकली के किरदार को इतिहास में तलाशना शुरू कर दिया। यह एक फिल्मकार की बड़ी कामयाबी है।

इस दौरान शाह आलम राना ने मांग की कि के.आसिफ के सिनेमा में योदगान को देखते हुए उनके नाम पर डाक टिकट जारी किए जाने और पद्म भूषण से सम्मानित किए जाने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि चंबल क्षेत्र में फिल्म स्कूल और फिल्म सिटी भी खोली जानी चाहिए, इससे इस क्षेत्र का विकास होगा और यहां के लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

उद्घाटन सत्र का समापन और धन्यवाद ज्ञापन चंबल क्षेत्र में आयुर्वेद पर्यटन से जुड़े डॉ.कमल कुशवाहा ने किया। उन्होंने आए हुए सभी अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस दौरान इटावा प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश शाक्य, नीलकमल, रजत सिंह, मनोज कुमार, चंद्रोदय सिंह चौहान, महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, डॉ चंद्रप्रभा, डॉ अजय दुबे, डॉ दुर्गेश लता, डॉ रेखा, डॉ अमित, डॉ अनुपम, डॉ श्यामदेव यादव, डॉ सपना, डॉ डौली रानी, डॉ श्वेता और कई अन्य विद्यालयों के अध्यापक तथा छात्र उपस्थित रहे।

फिल्म फेस्टिवल के पहले दिन कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए। जिसमें राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय इटावा, सेवन हिल्स इंटर कॉलेज और सनातन धर्म विद्यालय के विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से मन मोह लिया। आज उद्घाटन वाले दिन रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका निर्णय जूरी के सदस्यों ने किया। जूरी में इटावा क्लब की कल्चरल सेक्रेटरी कुसुम मिश्रा, श्रीमती सावित्री अग्रवाल, चंबल परिवार से स्वेच्छा दीक्षित और शिक्षक प्रमोद कुमार कुशवाहा शामिल रहे।

रंगोली और पेंटिंग का विषय ‘प्यारा चंबल’ रखा गया था। इस प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के जूनियर और सीनियर छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

इस दौरान चंबल घाटी के विभिन्न पहलुओं को समेटे फोटो प्रदर्शनी भी लगाई गई। फेस्टिवल के दूसरे दिन चार सितंबर, रविवार को प्रातः 11 बजे से फिल्म मेकिंग वर्कशाप शुरू होगी। जिसमें चंबल के युवा सिनेमा निर्माण के साथ यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के वीडियों एवं फोटोग्राफी की बारीकियां सीख सकेंगे।

चंबल परिवार प्रमुख डॉ शाह आलम राणा ने लोगों से अनुरोध किया है कि चम्बल की एक झलक देखने के लिए इस उत्सव में सबको आना ही चाहिए।

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